who is Sarna maa

सarna Maa आदिवासी समुदायों, विशेष रूप से झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और बिहार के आदिवासियों द्वारा पूजी जाने वाली एक प्रकृति देवी हैं। उन्हें माँ धरती और प्रकृति की देवी के रूप में माना जाता है।

सरना माँ के बारे में मुख्य बातें:

  1. प्रकृति की पूजा: सरना माँ का संबंध जंगल, पेड़-पौधे, नदियाँ और पहाड़ों से है। वे प्रकृति की देवी के रूप में पूजी जाती हैं और यह संदेश देती हैं कि प्रकृति का सम्मान और संरक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  2. सरना धर्म: सरना माँ की पूजा करने वाले लोग सरना धर्म का पालन करते हैं। ये लोग पवित्र स्थलों, जिन्हें सरना स्थल कहा जाता है, में प्रकृति की पूजा करते हैं।
  3. आदिवासी संस्कृति का प्रतीक: सरना माँ आदिवासी समाज की एकता, संस्कृति और प्रकृति प्रेम का प्रतीक हैं।
  4. त्योहार और अनुष्ठान: सरहुल जैसे त्योहार सरना माँ के सम्मान में मनाए जाते हैं, जिसमें प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए पूजा, नृत्य और गीत होते हैं। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है।
  5. “जय सरना माँ”: यह नारा सरना माँ के प्रति श्रद्धा और आदिवासी समुदाय की एकता को दर्शाता है।

सरना धर्म का मूल संदेश प्रकृति के साथ सामंजस्य और संतुलन बनाकर जीवन जीना है। 🌿

क्या आप सरना धर्म के त्योहारों या रीति-रिवाजों के बारे में और जानकारी चाहते हैं? 😊

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top